मुदस्सिर हुसैन CMD NEWS
लाखों खर्च के बाद भी अमृत सरोवर तालाब बिन पानी सब सून
अयोध्या – गांवों के निर्बल व श्रमिक वर्ग के लोगों को गांव की सीमा में ही रोजगार के अवसर सुलभ कराकर श्रमिक दिवस सृजित करने व मवेशियों को पेय जल की सुविधा उपलब्ध कराने के अतिरिक्त सरकार द्वारा अमृत सरोवर तालाबों का कायाकल्प कराने के लिए लाखों रुपए खर्च कराकर तालाब तो खुदवा दिए इसके साथ ही तालाब का सौंदर्यीकरण भी हो गया लेकिन उन तालाबों में पानी आज भी नही दिख रहा है जब कि तालाब की सुंदरता पानी से है।
आपको बता दें ब्लॉक मवई क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नेवरा में बने अमृत सरोवर परसी तालाब में पानी की जगह धूल उड़ती हुई देखी जा सकती है जब कि तालाबों की सुंदरता पानी से है।सरकार की मंशा थी कि गांवों में ऐसे तालाब बनाए जाए जो लोगों को सुख का आनंद कराए इसी लिए सरकार द्वारा अमृत सरोवर तालाबों पर पानी की तरह पैसा खर्च कर उसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए हर एक बिंदु पर ध्यान केंद्रित किया गया लेकिन सरकार द्वारा जिस मंशा के तहत इन तालाबों का सौंदर्यीकरण कराया गया उसे देखते हुए यह यह तालाब बेमकसद दिख रहा है।चाहे वह पर्यटक स्थल के रूप में हो या मवेशियों के लिए।इन जलाशयों में पानी भले ही न दिख रहा हो लेकिन फाइलों में सब ठीक का दावा किया जा रहा है।मौसम का तापमान बढ़ने से गांव में उक्त योजना द्वारा खुदवाए गए इन तालाबों में सरकार की तरफ से पानी न भरवाने की व्यवस्था सबसे ज्यादा मवेशियों के लिए तकलीफ देह बनी हुई है।पीने के साथ ही मवेशियों को नित्य क्रिया हेतु भी तालाबों में संचयित जल की आवश्यकता होती हैं। लेकिन अफसोस गांवों में बने तालाब बिन पानी मवेशियों के लिए बेमकसद साबित होते दिख रहे हैं।