अंकुर पांडेय
कर महंत रामाज्ञादास को साधुता की प्रतिमूर्ति बताया। कहा कि वे परमार्थ गौ विद्यार्थी व सन्त सेवी रहे।
इसके संयोजक महंत सुखदेवदास ने कहा कि साकेतवासी गुरुभाई रामाज्ञादास जी आज भी सूक्ष्म रूप में हम सबके बीच विराजमान हैं। उनकी कमी खलती है। हमे समय-समय पर उनकी मौजूदगी का आभास भी होता है।
इस अवसर पर आयोजित भंडारे में अयोध्या के तमाम संत महंत भक्त शिष्य गण समेत सामान्य जनों ने प्रसाद ग्रहण किए।मणिरामदास की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास, जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य, हनुमानगढ़ी के महंत कल्याणदास महराज, महंत डॉ.राघवेशदास वेदांती, महंत रामकुमारदास, महंत मिथिलेश नंदिनी शरण, महंत शशिकांतदास, महंत गिरीशदास, महंत मनीषदास, महंत बालयोगी रामदास, पार्षद रमेशदास, महंत अवध किशोरशरण, महंत बृजेश दास, संत एमबीदास, संत रामानंददास, संत बृजनंदनदास, संत मंगलदास, संत नंदकुमारदास, ओम प्रकाश सिंह, सन्तदास, महंत अंगददास, महंत विनोददास व महंत आनन्ददास सहित अन्य मौजूद रहे।