सूरज त्रिवेदी के साथ मनोज अवस्थी की रिपोर्ट
बहराइच के सभागार कक्ष में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत दुग्ध उत्पादन व्यवसाय के विषय में प्रवासी मजदूरों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम शुभारंभ के मुख्य अतिथि विधायक बलहा श्रीमती सरोज सोनकर ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक सरोज सोनकर ने कहा कि पशुओं की उत्तम नस्ल का चुनाव दुग्ध व्यवसाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ एमपी सिंह ने बताया कि पशुपालन में पशुओं के आवास व्यवस्था का विशेष महत्व है। ग्रामीण स्तर पर पशुपालकों द्वारा पशुओं का आवास व्यवस्था पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसका प्रभाव पशुओं के दुग्ध उत्पादन क्षमता पर पड़ता है। डॉ सिंह ने सुझाव दिया कि पशुओं को रखने का स्थान कुछ इस प्रकार होना चाहिए। जहां पर वायु एवं सूर्य का प्रकाश पहुंचता हो मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ बलवंत सिंह ने बताया कि पशुपालकों को पशु रोग प्रबंधन की जानकारी अवश्य होनी चाहिए ताकि समय रहते पशुपालक बीमार और स्वस्थ पशुओं की पहचान कर रोगी पशुओं को स्वस्थ पशुओं से तुरंत अलग किया जा सके। उप कृषि निदेशक डॉ आर के सिंह ने फसलों एवं पशुओं के बीमा, जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ ने विभागीय योजना के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। कृषि विज्ञान केंद्र के शस्य वैज्ञानिक डॉ शैलेंद्र सिंह ने पशुओं के वर्षभर हरे चारे के बारे में मक्का, लोबिया, ज्वार, लाही, बाजरा, बरसीम, जइ, नेपियर घास के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। प्रशिक्षण समन्वयक रेनू आर्य ने दुग्ध में पोषक तत्वों एवं इसके उपयोग तथा फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ आर के पांडे ने चारे की फसल में रोग एवं कीट नियंत्रण के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद के सभी विकास खंडों के प्रवासी मजदूरों द्वारा प्रतिभाग किया गया।