अनुज जायसवाल
बहराइच जिले के बलहा ब्लॉक स्थित सरैंया के मजरा गुरहवा गांव में बराती लाल लोधी का परिवार अपनी विशेषता के लिए जाना जाता है। इस परिवार में कुल 48 सदस्य एक साथ रहते हैं।
परिवार की सबसे खास बात यह है कि सभी सदस्यों के लिए भोजन एक ही रसोई में बनता है। प्रतिदिन सुबह एक ही चूल्हे पर रोटियां बनती हैं और एक ही कड़ाही में सब्जी पकती है।
परिवार में कार्य विभाजन स्पष्ट है। महिलाएं रसोई के काम को आपस में बांट लेती हैं। कुछ महिलाएं आटा गूंथने का काम करती हैं, तो कुछ सब्जी काटने का। पुरुष खेतों में काम करते हैं। बच्चे नियमित रूप से स्कूल जाते हैं।
शाम के समय पूरा परिवार एक साथ बैठकर भोजन करता है। यह दृश्य किसी त्योहार जैसा लगता है। परिवार में छोटे-बड़े या अमीर-गरीब का कोई भेदभाव नहीं है। सभी सदस्य एक-दूसरे की मदद करते हैं। खुशी और दुख के हर पल में साथ रहते हैं।
यह परिवार संयुक्त परिवार व्यवस्था का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहां एकता और सामंजस्य से जीवन को सरल और सुखमय बनाया जाता है।