रिपोर्ट – विवेक श्रीवास्तव
बहराइच (बलहा): विकास खंड बलहा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों में भारी गड़बड़ियों और फर्जीवाड़े का मामला सामने है । आमा पोखर के 9 अप्रैल और इससे पहले के दिनों में भी अतीक के घर से नहर तक खड़ंजा निर्माण कार्य ऑनलाइन चल रहा है। ग्राम पंचायत आमा पोखर में कार्य स्थल की जो तस्वीरें पोर्टल पर अपलोड की गईं, उनमें एक ही स्थल फोटो को कई बार इस्तेमाल किया गया है और यह प्रक्रिया कई बार हुई है।
हैरानी की बात यह है कि जिन श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज है, उनकी जगह कुछ और ही लोग यहां तक कि अलग चेहरे भी तस्वीरों में दिखाई दे रहे हैं। महिलाओं के नाम दर्ज हैं, लेकिन तस्वीरों में कहीं कोई महिला नजर नहीं आ रही। साथ ही, एक भी फोटो में जियो टैग लोकेशन नहीं दिखाई गई, जिससे लोकेशन की पुष्टि नहीं हो पा रही है।
यह सिलसिला केवल आमा पोखर तक सीमित नहीं है। ग्राम पंचायत तुलसीपुर, नौसर गुमटिहा, मटिहा, निबिया शाह मोहम्मदपुर समेत कई पंचायतों में भी इसी तरह की प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं। फर्जी उपस्थिति, फोटोज़ में छेड़छाड़ और बिना निगरानी के कार्यों की पुष्टि यह सब खुलेआम ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड भी किया गया है।
साफ तौर पर सवाल उठा रहे है कि जब सारी प्रक्रिया पोर्टल पर सार्वजनिक रूप से दिख रही है, तो निगरानी करने वाले अधिकारी आखिर क्या कर रहे हैं? क्या ये सब उनकी जानकारी में नहीं, या फिर अनदेखा किया जा रहा है?
मनरेगा जैसे महत्त्वपूर्ण योजना में इस तरह की लापरवाही और गड़बड़ी, न केवल सरकारी संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि जरूरतमंद ग्रामीण श्रमिकों के अधिकारों का भी हनन है।