रिपोर्ट – विवेक श्रीवास्तव
बहराइच (रिसिया): विकास खंड रिसिया की ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। ताज़ा मामला ग्राम पंचायत बराईपारा का है, जहां 7 और 8 अप्रैल सहित कई तिथियों में मनरेगा कार्य के फोटोज़ में भारी अनियमितताएं पाई गईं।
जांच में पाया गया है कि एक ही स्थान की फोटो को बार-बार अपलोड किया गया, जबकि अलग-अलग मस्टरोल नंबर दर्ज हैं। यही नहीं, जिन श्रमिकों के नाम उपस्थिति में दर्ज हैं सूत्र बताते है कि उनकी जगह दूसरे चेहरों की फोटो अपलोड की गई है कई तस्वीरों में तो वो लोग मौजूद ही नहीं, जिनका रिकॉर्ड में नाम है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि फर्जी उपस्थिति दर्ज कर भुगतान की प्रक्रिया चलाई जा रही है। और एक ही स्थान पर बार बार फोटो अपलोड की गई।
सबसे गंभीर बात यह है कि एक भी फोटो में जियो टैग लोकेशन नहीं है, जिससे स्थान की वास्तविकता पर भी संदेह गहराता है। यह सब कुछ केवल बराईपारा तक सीमित नहीं है। रिसिया विकास खंड की अन्य कई पंचायतों में भी यही प्रक्रिया लंबे समय से अपनाई जा रही है। ये सभी तस्वीरें और डेटा मनरेगा के ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध हैं, लेकिन इसके बावजूद अब तक कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई है।
साफ तौर पर सवाल उठना लाजमी है जब सबकुछ पोर्टल पर अपलोड है, तो फिर निगरानी करने वाले अधिकारी क्या कर रहे हैं? क्या यह अनदेखी जानबूझकर की जा रही है या सिस्टम में ही खामी है?
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इन फर्जीवाड़ों पर क्या कदम उठाता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।