रिपोर्ट – विवेक श्रीवास्तव
बहराइच: तहसील नानपारा के विकास खंड शिवपुर क्षेत्र के गांव परागी बेली झुण्डी गड़रियनपुरवा ग्राम पंचायत चौकसाहार के ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। सरयू नदी के किनारे स्थित यह गांव हर बाढ़ की चपेट में आता है, जिससे लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि यदि समय रहते जरूरी ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो इस साल की बाढ़ में पूरा गांव तबाह हो सकता है।
ग्रामीणों ने बताया कि 2024 की बाढ़ में करीब 45 घर जलमग्न हो गए थे और नदी गांव तक लोगो के घरों आ गई है। सरयू की धारा अब पूर्व स्थित घरों के बिल्कुल करीब बह रही है, जिससे कटान का खतरा बढ़ गया है। पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि पिछले साल बाढ़ के दौरान अधिकारी और जनप्रतिनिधि आश्वासन देने तो आए थे, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
गांव के निवासी बजरंगी अवस्थी, राकेश कुमार, हंसराज, श्यामबिहारी, नंदराम, रामलाल, नारायण, परशुराम, अंकित, मनोज, योगेश, राजू समेत सैकड़ों लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि इस साल बारिश से पहले गांव की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
इस मामले में प्रतिनिधि जिला पंचायत सदस्य राम गोपाल ने बताया कि उन्होंने गांव की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को पत्र लिखा था और बोर्ड की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया था। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते उचित प्रबंध नहीं किए गए, तो इस बार की बाढ़ में हालात और भी भयावह हो सकते हैं।
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की हैं कि पत्थर डालकर और जाल लगा कर बाढ़ का पानी गांव में आने से रोकथाम के उपाय करने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि अबकी बार समय रहते इंतजाम कर लिए जाएं तो गांव को बचाया जा सकता है और भविष्य में हर साल आने वाली इस मुसीबत से राहत मिल सकती है। गांव के लोग शासन प्रशासन की पर उम्मीद लगाए है।
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