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रहमत मगफिरत और इबादत की रात है शब ए बारात – मौलाना कामिल हुसैन नदवी

रिपोर्ट मुदस्सिर हुसैन CMD NEWS 

13/02/2025 रुदौली अयोध्या – कस्बा नेवरा जामा मस्जिद के ईमाम हज़रत मौलाना कामिल हुसैन नदवी ने शब ए बारात और आने वाले माह ए रमज़ान की मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस्लाम के मानने वालों के लिए बहुत ही मुबारक महीना आने वाला है,इस आने वाले माह ए रमज़ान में ज्यादा से ज्यादा इबादत और कुरान की तिलावत करे। माह ए रमज़ान में की गई इबादत का सवाब अल्लाह सत्तर गुना बढ़ा देता है। उन्होंने शब ए बारात पर रोशनी डालते हुए कहा कि शब-ए-बारात मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत खास है क्यों कि इस रात की बड़ी फजीलत है, इस रात को अल्लाह के दरबार में जितनी भी इबादत की जाए कम है उन्होंने कहा कि इस रात में की गई इबादत अल्लाह कुबूल फरमाता है। और इस रात को की गई इबादत से अल्लाह खुश होकर अपने बंदों के गुनाहों को माफ कर देता है। उन्होंने बताया कि 13 फरवरी को पूरे मुल्क में शब ए बारात का त्यौहार बड़ी अकीदत के साथ मनाया जायेगा। हज़रत मौलाना कामिल हुसैन नदवी ने शब ए बारात पर रोशनी ड़ालते हुए कहा कि इस्लाम धर्म में शब-ए- बारात की बड़ी अहमियत है। इस्लामिक कलैंडर के हिसाब से आठवां महीना शाबान की 15 वीं तारीख की रात में शब-ए- बरात मनाई जाती है। शबे बारात रहमत, मगफिरत, इबादत और बड़ी फजीलत की रात मानी जाती है। इसलिए तमाम मुसलमान पूरी रात जाग कर मस्जिदों और खातून घरों में नमाज पढ़ती और इबादत करती हैं,और अपने अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। और लोग शब ए बारात को बाद नमाज़ मगरिब अपने आबा अजदात की कब्रों पर जा कर फातिहा पढ उन्हें इसाले सवाब पेश करते हैं। और अल्लाह से अपने आबा अजदात के लिए दुआएं मगफिरत करते हैं।

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