रिपोर्ट मुदस्सिर हुसैन CMD NEWS
15/01/2025 रुदौली अयोध्या – ब्लॉक मवई क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत नेवरा स्थित अमृत सरोवर तालाब के निकट एक छोटा तालाब जिसकी गाटा संख्या 572, क्षेत्रफल 51 हेक्टेयर है। यह तालाब धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोता जा रहा हैं। तालाब के चारों तरफ अतिक्रमण होने की वजह से यह धीरे धीरे समिटता जा रहा है, यही नहीं आस पास के लोग इसी तालाब में कूड़ा कचरा फेंकते रहते हैं। यह तालाब अपनी बदहाली और दुर्दशा पर आंसू बहा रहा हैं। यह तालाब सौंदर्यीकरण और साफ.सफाई के अभाव में अपना अस्तित्व खोने लगा हैं। वर्तमान में तालाब की हालत तो यह हैं कि तालाब का पानी इतना दूषित हैं कि पानी को छूने का मन नहीं होता है। चारों तरफ कचरा और गंदगी से पटा हुआ हैं। आपको बता दें कि आज तक किसी भी जन प्रतिनिधि व जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस तालाब का सौंदर्यीकरण नहीं कराया गया,जब कि सरकार की मंशा है कि गांवों में तालाबों का सौंदर्यीकरण कराया जाए,लेकिन सरकार की मंशा पर मातहत फेर रहे पानी, वर्षों से तालाब के जीर्णोद्धार सौंदर्यीकरण के लिए प्रयास नहीं किया गया। जबकि ग्राम पंचायत नेवरा में बने अमृत सरोवर के ठीक सामने इस तालाब का कायाकल्प होने से सुंदरता और बढ़ जाती,अगर ऐसे ही रहा तो एक न एक दिन इस तालाब का अस्तित्व ही मिट जाएगा,तालाब का रखरखाव और देखभाल व सौंदर्यीकरण होना चाहिए था,लेकिन इस तालाब को जन प्रतिनिधि व जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ऐसे ही छोड़ दिया गया हैं,इस तालाब के सौंदर्यीकरण की मांग बराबर की जा रही है। सड़क से लगे इस तालाब की पटरियां भी खत्म हो चुकी है,।
गंदगी का पर्याय बन चुका यह तालाब आसपास रहने वाले लोगों के लिए भी परेशानी का कारण बना हुआ है। प्रशासन की अनदेखी के चलते अब यह अवशेष का रूप लेता जा रहा हैं। तालाब के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ हैं,वर्तमान में यह अतिक्रमण के कारण गन्दा गढ्डा बनकर रह गया हैं। चारों तरफ से तालाब में घरों का कचरा फेंकने से पानी बदबूदार हो गया हैं। पानी खराब होने से अब मवेशी इस तालाब में पानी पीने से तो दूर इसके निकट जाने से भी कतराने लगे हैं।
क्या है तालाब की खासियत
इस तालाब की खास बात यह हैं कि यह सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत सरोवर के ठीक सामने है, आस पास के लोग इसी में कूड़ा कचरा फेंकते हैं जिससे
इस कारण तालाब का दायरा दिन ब दिन छोटा होता जा रहा हैं,जबकि यह बड़ा तालाब हैं।समाजसेवी दानिश हुसैन ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि सबसे पहले तालाब की जमीन की नाप राजस्व विभाग के अधिकारी से कराकर वास्तविक जमीन को निकाला जाएं कि कहां से कहां तक तालाब की जमीन हैं,उसके बाद तालाब का सौंदर्यीकरण कराया जाए।