कही रास्ते नालियां है तो वो भी जर्जर
गिरधरपुर में हो रहे इंटरलॉकिंग नाली निर्माण में मानक को किया दरकिनार कर बेहद घटिया तरीके से कार्य
गिरधरपुर में सोकफीट, सरकारी नल, नाली, तालाब, इंटरलॉकिंग, मिट्टी पटाई, रंगाई पोताई सहित सभी विकास कार्यों में हुआ खेल
पूरे ग्राम पंचायत में लाखों रुपये खर्च करके सिर्फ खाना पूर्ति, सफाई व्यवस्था ध्वस्त
सफाई कर्मी की अनुपस्थिति से साफ सफाई नही होती, साफ सफाई नही करते सफाई कर्मी
ग्रामीणों ने बताया शिकायत बाद हुई थी जांच, आखिर क्यो नही की कार्यवाही
मनरेगा के कार्यों में सिर्फ खानापूर्ति
रिपोर्ट – विवेक श्रीवास्तव
बलहा बहराइच – विकास खण्ड बलहा के ग्राम पंचायत गिरधरपुर में विकास की भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने से दयनीय हो गई हैं।
ग्राम पंचायत गिरधरपुर के गाँवो की दशा दयनीय हालत में है ग्राम पंचायत में नालियों का निर्माण कुछ माह पहले करवाया गया था जिसको रास्ते से लगभग एक फुट ऊपर करके बना दिया गया जिससे नालियों के बजाए रास्तों पर पानी रहता है कई स्थानों पर नालियाँ क्षतिग्रस्त हो गई है। रास्तों पर पानी बहता रहता है गांव के रास्ते बदहाली का दंश झेल रहे है रास्तों पर जलभराव के हालात है। गाँव में बने मंदिर तक नाली का गंदा पानी रास्तों से होकर मंदिर तक भर जाता है जिससे ग्रामीण मायूस है और विकास की उम्मीद लगाए बैठे है। ग्राम पंचायत में दो स्थानों पर टॉकिंग एवं नाली के निर्माण का कार्य चल रहा है जिसमें मानक को दरकिनार करके निर्माण कार्य किया जा रहा है निर्माण कार्य में थोड़ा सा भी मानक का ख्याल नहीं रखा जा रहा और सिर्फ खाना पूर्ति करके ही रुपए निकालने के लिए निर्माण कार्य किया जा रहा है। पंचायत में साफ सफाई की व्यवस्था का आलम कुछ ऐसा है कि आज से सदियों पुरानी व्यवस्था के जैसे हालात बने हुए हैं ग्राम पंचायत में सफाई कर्मी के न आने की वजह से साफ सफाई न करने की वजह से गांव के स्वच्छता की व्यवस्था बेकार है नालियां भरी पट्टी हुई हैं और सरकारी भवनों में भी साफ सफाई नही होती है। ग्राम पंचायत में कई स्थानों पर सरकारी नल लगे हैं जो खराब है। जबकि रिबोर सहित अनेकों विकास कार्यों के लिए मोटी रकम ग्राम पंचायत में खर्च हुई है और जमीनी हकीकत है की विकास की दुर्दशा है भ्रष्टाचार के भेट सरकारी कार्य व धन चढ़ा हुआ है। ग्राम पंचायत में तालाब मात्र एक नमूना मात्र बनकर रह गया है उसको तालाब कहना भी तालाब के लिए शर्म की बात है। सरकारी स्कूल प्राथमिक विद्यालय के सामने गंदे पानी का जल भराव रहता है। यदि निष्पक्षता के साथ ग्राम पंचायत में खर्च हुए सरकारी धन की जांच कर ली जाए तो बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा होना निश्चित है।