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बहराइच- सरैया ग्राम सचिवालय ही विकास से कोसों दूर मनरेगा में खेल तो विकास भ्रष्टाचार के भरोसे कैसे नहीं?

रिपोर्ट- विवेक श्रीवास्तव

जिला बहराइच के विकासखंड बलहा के ग्राम पंचायत सरैया मैं विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च हो गए लेकिन ग्राम पंचायत का सचिवालय ही विकास से कोसों दूर रह गया ग्राम पंचायत सचिवालय में समरसेबल पानी का मोटर की व्यवस्था एवं विद्युत की व्यवस्था न होना शर्मनाक स्थिति को दर्शाता है ग्राम पंचायत में बने पंचायत भवन में पंचायत सहायक अपनी ड्यूटी तो करती हैं लेकिन मूलभूत सुविधाओं के लिए व्यवस्था उपलब्ध नहीं है पंचायत भवन का कार्य ग्राम पंचायत के लिए कैसे संचालित होगा क्योंकि विद्युत व्यवस्था के बिना कंप्यूटर का चलना इंटरनेट का चलना मुश्किल है और सौर ऊर्जा व इन्वर्टर की व्यवस्था नही है ग्राम पंचायत में टूटी खिड़कियों टूटे टाइल्स भयानक गर्मी में पंखा का ना होना एवं विद्युत व्यवस्था बहाल न होना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है ग्राम पंचायत में बने तालाब की यदि बात की जाए तो तालाब का की दुर्दशा है गंदगी से भरपूर तालाब स्वच्छता की आस लिए दिख रहा है ग्राम पंचायत में बने सरकारी विद्यालयों पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं है ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय मात्र भवन के रूप में बनकर रह गया सामुदायिक शौचालय में हमेशा ताला बंद रहना और बड़ी-बड़ी घास लगे रहना दर्शाता है कि सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था सुचारू रूप से बहस नहीं है ग्राम पंचायत के रास्तों की यदि बात की जाए तो जो मार्ग अभी नवनिर्मित हो और उन्हें मार्ग की इंटरलॉकिंग के पास ही मुख्य मार्ग पर रास्ता खराब होना और पानी का बहना कीचड़ होना रास्ते को बंद होने जैसी हालात बनाता है।
ग्राम पंचायत में मनरेगा से हो रहे कार्यों में बड़ी धांधली की जा रही है ग्राम पंचायत में मनरेगा में चल रहे कार्यों पर जब देखा गया तो एक भी मजदूर कार्य करते नहीं मिले जबकि श्रमिकों की उपस्थिति सौ से अधिक श्रमिकों की उपस्थिति लगातार महीनों से चल रही है मनरेगा में इधर-उधर की फोटो खींचने खेल करके सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है जिसने ग्राम रोजगार सेवक ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सचिव सहित अन्य जिम्मेदारों की भी भूमिका संदिग्ध सी नजर आ रही है जिसमें स्पष्ट है कि निगरानी करने वाले अधिकारी जो लाखों की पगार लेते हैं वह भी अपनी आंखें इस भ्रष्टाचार को अनदेखा करने के लिए बंद किए हुए हैं ग्राम पंचायत के कुछ लोगों ने दबी आवाज में नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यदि ग्राम पंचायत में खर्च हुए रुपए की गहनता से जांच निष्पक्षता के साथ कराई जाए तो करोड़ों रुपए के घोटाले की बात सामने आना निश्चित ही है।

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