आशीष सिंह
दरियाबाद, बाराबंकी। योगी सरकार सरकारी विद्यालयों में बेहतर शिक्षा के लिए लगातार दावे कर रही है लेकिन धरातल पर कुछ और ही है। पूरा मामला जनपद बाराबंकी के विकासखंड दरियाबाद अंतर्गत कंपोजिट विद्यालय में शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर सभी विद्यालय के कक्षा 1 से 8 तक के सभी बच्चे विद्यालय में लगी एलईडी पर फिल्म देख रहे और विद्यालय के सभी शिक्षक एक कमरे में आराम करते नजर आए। प्रधानाध्यापक शिवकुमार गुप्ता सहित सहायक अध्यापक सभी एक कक्ष में बैठकर आनंद ले रहे थे, यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। सहायक अध्यापक उत्प्रेश कुमार द्विवेदी कक्षा में पढ़ाने के बजाय हाथ में मोबाइल लिए मनोरंजन करते नजर आए। आपको बता दे कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यहां पोलिंग बूथ भी बना है, लेकिन यहां पर बने शौचालय गंदगी से भरे हुए है, जो कुछ सही भी है शौचालय उसे विद्यालय स्टाफ अपने लिए निजी प्रयोग करता है जिसपर ताला लटकता मिला,बच्चे शौच के लिए बाहर जाने पर मजबूर है जिससे स्वच्छता मिशन की धज्जियां भी उड़ाई जा रही है। सहायक अध्यापक शाह हुसैन विद्यालय में अनुपस्थित रहे, सहायक अध्यापक उत्प्रेश का कहना है कि बच्चों को ज्यादा पढ़ना ठीक नहीं है, इसलिए उन्हें टीवी देखना जरूरी है, लेकिन क्या टीवी पर शैक्षिक कार्य से संबंधित क्लिप शिक्षक की उपस्थिति में देखना चाहिए या मनोरंजन फिल्म देखनी चाहिए? विद्यालय में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, दीवारों और सीटों पर लगे मकड़ी के जाले यहां की हकीकत बयां कर रहे है। सभी कक्षाएं खाली थी कोई भी अध्यापक कक्ष में न रहकर एक कक्ष में मनोरंजन करना और बच्चों को टीवी खोलकर रिमोट को हाथ में देना कहां तक ठीक है! इन लापरवाह अध्यापकों पर कार्रवाई होती है या लीपापोती ? फिलहाल यह बात अभी समय के गर्भ में है। सरकारी विद्यालयों में लगातार शिक्षकों की अनुपस्थिति और उनकी लापरवाही ग्रामीण बच्चों के लिए अभिशाप साबित हो रही है।