रिपोर्ट:- एम.असरार सिद्दीकी
लाखों खर्च के बावजूद अमृत सरोवर तालाब, अपनी बदहाली पर बहा रहे आँसूं
बहराइच। पयागपुर क्षेत्र अंतर्गत, दर्जनों तालाबों का जीर्णोद्धार के साथ उनका भी सुंदरीकरण कराया गया।वही सुंदरीकरण के नाम पर लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद अमृत सरोवर का सपना साकार होता नजर नहीं आ रहा है।
सोहरियावां, कोडरीताल, अमदापुर, सेमरियावां, बीरपुर सहित कई अन्य ग्राम पंचायत में तालाबों के सौंदर्यीकरण में लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद अमृत सरोवर योजना धरातल पर दिखाई नही पड़ रहा है। जबकि यहां पर झंडारोहण चबूतरा बनाकर अमृत सरोवर पूर्ण होना भी दिखा दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने सुंदरीकरण के नाम पर धन का बंदरबांट कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया है। पयागपुर विकासखंड क्षेत्र के दर्जनों अमृत सरोवर केवल झंडारोहण तक सिमट कर रह गया है। तालाब के सुंदरीकरण के नाम पर लाखों रुपए भले ही खर्च कर दिए गए हो, लेकिन उसकी सुंदरता दिखाई नही पड़ रही है। तालाब किनारे बनाए गए सीमेंट सीट भी कहीं ढूंढे नहीं मिल रहे। अमृत सरोवर के तहत सौंदर्यीकरण कराए जाने वाले तालाब के चारों तरफ झाड़ झँखाड़ लगा हुआ है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि साफ सफाई व मरम्मत के नाम पर शासन से मिले पैसे का बंदरबांट कर लिया जाता है। मालूम हो कि जल संस्थान व पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए गांव में पुराने तालाबों को अमृत सरोवर के तहत चयनित किया गया था। लाखों रुपए खर्च कर उन्हें मॉडल और आदर्श तालाब का रूप दिया जाना था, लेकिन अमृत सरोवर का तालाब व झंडा रोहण का स्थान गंदगी से पटा हुआ है। ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि तालाबों की ओर कोई देखना भी मुनासिब नहीं समझ रहा है। तालाबों की दुर्दशा सुधारने और ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने के लिए मनरेगा के तहत लाखों रुपए खर्च किए गए। लेकिन तालाबों की सूरत नहीं बदल सकी। स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस संदर्भ में जब खंड विकास अधिकारी राम लगन वर्मा से बात किया गया तो उन्होंने बताया की अधूरे अमृत सरोवर तालाब के कार्य को पूरा करने का प्रयास जारी, है, संबंधित ग्राम प्रधान व सचिव को निर्देश दिया जाएगा।