मवई अयोध्या – बारिश न होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
मुदस्सिर हुसैन CMD NEWS
अयोध्या – बारिश न होने से बढ़ती हुई भीषण गर्मी से जहां एक ओर जनमानस परेशान हैं, वहीं बारिश न होने से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं।मौसम का मिजाज देख किसान मायूस होते जा रहे हैं। इंद्र देवता की मेहरबानी न होने से धान व गन्ने की खेती पर असर पड़ रहा है।
जैसे तैसे पहली बारिश में किसानों ने धान की रोपाई तो कर ली,लेकिन एकाएक बारिश के मिजाज ने करवट बदलते हुए, किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। कि जहां धान को बारिश का पानी मिलना चाहिए था, आज वह बिन पानी मुरझा रहे हैं।
इधर दो सप्ताह से मौसम का तेवर बहुत तल्ख है। कभी-कभी बादलों की लुकाछुपी चलती है, जिसको देख किसान उम्मीद पाल बैठते हैं कि शायद अब बरसात हो जाए, परंतु अभी तक इनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी हैं,अब फसल को बचाए रखने में पसीने छूट रहे हैं। निजी संसाधन से पानी के जरिए इन्हें बचाया जा तो रहा है,लेकिनअतिरिक्त धन खर्च हो रहा है। किसानों में लियाकत अली अंसारी व राम अचल यादव ने कहा कि बारिश के कई नखत खत्म हो रहे है, बारिश न होने से किसान मायूस दिख रहा है। बल्लन खां व दानिश हुसैन ने कहा कि गरीब किसानों को खाद, बीज, जुताई वैसे ही बड़ी मशक्कत से खरीदकर फसल लगा दी,लेकिन अब सिंचाई के लिए भी मंहगे संसाधन का सहारा लेना पड़ता है। मुस्ताक अहमद, कलीम मालिक आदि ने कहा कि संपन्न किसान तो निजी संसाधन से पानी की कमी को पूरी कर दे रहे हैं, परंतु मध्यम वर्गीय एवं गरीब किसान जिन का सहारा सिर्फ मानसून ही रहता है, वे बेचारे बारिश के इंतजार में हैं। कि कब बारिश हो और फसलों को पानी मिले। अब तो सिर्फ यही देखना है कि इंद्र देवता कब तक परीक्षा ले रहे हैं। बारिश हो जाती है तो किसान की जेबों का बोझ हल्का हो जायेगा। क्यों कि मंहगे डीजल से सिंचाई कर पाना हर किसान के लिए मुमकिन नहीं है। वह तो टकटकी लगाए बदलो की तरफ आज भी देख रहा है।