17/11/2022
आशीष सिंह
रामसनेही घाट, बाराबंकी। जहां एक तरफ योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार होने की दावा कर रही है वहीं एक तरफ प्रशासन के कुछ जिम्मेदार लोग उनके दावों पर पलीता लगाने का कार्य कर रहे है। जी हां! एक भ्रष्टाचार से जुड़ा ऐसा ही मामला जनपद बाराबंकी के तहसील रामसनेही घाट का है। मामला विगत दिनों 7 चिलवल के पेड़ों के अवैध कटान के मामले में नायब तहसीलदार की स्थलीय जांचोपरांत गुरुवार तक आरोपी लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई न होने से आक्रोशित प्रधान ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। न्याय की गरिमा को ठेस पहुंचाने में जिम्मेदारों की मिलीभगत से लेखपाल को बचाने की भरपूर कोशिश की जा रही है, क्योंकि बात विभाग की है? आरोप है कि नायब तहसीलदार की जांच आख्या के उपरांत भी कार्रवाई सिफर है। जिससे हौसला बंद लेखपाल का क्षेत्र बदलने के बाद भी इस मामले में अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज कराकर लीपापोती किए जाने जैसा कृत्य किया है। आरोप है कि लेखपाल की वजह से क्षेत्र में विकास कार्य बाधित है।
रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के मझौटी गांव में 22 सितंबर को तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपाल दीपचंद श्रीवास्तव की मिलीभगत से वन माफिया हजारों रुपए कीमत 7 चिलवल पेड़ के काट कर उठा ले गए। अगले दिन प्रधान अनीता ने रामसनेहीघाट एसडीएम से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। नायब तहसीलदार प्रज्ञा द्विवेदी के द्वारा स्थलीय वह अभिलेखीय जांच की। मामला ठंडे बस्ता में है। हफ्तों बीतने के बाद भी आरोपी लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो सकी है। लेकिन बीते दिन आरोपी लेखपाल का ठेकेदार से रकम की लेनदेन का ऑडियो वायरल होने के बाद फिर नायब तहसीलदार प्रज्ञा द्विवेदी फिर सक्रिय हुई। प्रधान को उसके विरुद्ध कार्रवाई होने की उम्मीद जगी और उनके द्वारा स्थलीय जांच कराई गई । लेकिन 4 दिन पूर्व असंद्रा थाने में लेखपाल द्वारा अज्ञात के विरुद्ध पेड़ चोरी
केस दर्ज कर मामले में लीपापोती करने जैसा कृत्य किए जाने जैसा कार्य है। लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई ना होने की वजह से ग्राम प्रधान अनीता कुमारी इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व डीएम अविनाश कुमार से कर कार्रवाई की मांग की है। प्रधान का आरोप है कि आरोपी लेखपाल द्वारा प्रधान मानसिक रूप से प्रताड़ित है। क्षेत्र में विकास कार्य बाधित हैं। उसका आरोप है कि तहसील प्रशासन की लापरवाही से लेखपाल मामले को दबाने में जुटा हुआ है।