आशीष सिंह// सीएमडी न्यूज़
बनीकोडर, बाराबंकी।। जब मनुष्य अपने कर्मों को भूलकर आसुरी प्रवृत्तियों की राह पर निकल पड़ता है तो उसको सुधारने के लिए भगवान को स्वयं किसी न किसी रूप में अवतरित होना पड़ता है ।त्रेतायुग में भगवान राम व द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण को भी इसी कारण अवतरित होना पड़ा। उक्त बातें हरी लाल पुरवा चौराहा निवासी बड़ी छावनी श्री अयोध्या धाम से पधार कर आए श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन पंडित वेद प्रकाश बाजपेई जी महाराज ने आयोजक मोनू यादव सहादतगंज कल्याणी तट प्राचीन शिव मंदिर पर कहीं । उन्होंनेकहा कि देवकी और वसुदेव दोनों प्रभु के भक्त थे, लेकिन कंस अपने स्वार्थ में अपने बहन व बहनोई को जेल में बंद कर उन पर अत्याचार करने लगा यहां तक कि अपनी बहन की संतानों की हत्याएं करने पर उतारू हो गया। इसके बाद भी जब उसकी इच्छा नहीं भरी तो उसने भगवान श्री कृष्ण को भी मारने की साजिश रच डाली। आखिरकार उसे नाश के लिए भगवान श्री कृष्ण को आना पड़ा। इस अवसर पर प्रधान प्रेम नारायन यादव , चौकी प्रभारी हथोड़ा अशोक कुमार सिंह, आचार्य पवन कुमार अवस्थी, पंडित राम प्रवेश बाजपेई ,राजा द्विवेदी, नीलू ,शिवम ,दिलीप पूर्व प्रधान अयोध्या प्रसाद मौर्य ,संत गोपाल, मोनू यादव पहलाद जी, आदि तमाम भक्त मौजूद रहे ।