सुधीर बंसल जिला ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट अयोध्या
मवई अयोध्या
इस समय हम कोरोना जैसी महामारी के घोर संकट से गुजर रहे हैं ऐसे में संकटमोचन हनुमान जी की तरह बलबुध्दि विद्या की हमें आवश्यकता है तुलसी दास जी ने इन्हें ही चालीसा में देने की प्रार्थना की है विश्व व्यापी इस महामारी के चलते प्रत्येक व्यक्ति पूर्ण रूप से टूट चुका है! एक बार फिर से यह देखने को मिला कि संत समाज विश्व कल्याण के लिए आगे आया, सिध्द पीठ माँ कामाख्या धाम के प्रांगण में महामारी समाप्ति के लिए संतों के द्वारा किया गया विश्व शांति संपुटित हनुमान चालीसा का अनुष्ठान संतो ने बताया कि हनुमान चालीसा सिध्द भी है और शुद्ध भी है बाबा जी ने बताया है कि “नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा जो भी हनुमान जी के शरण में जाता है वह उसे भी प्राप्त करने की छमता रखता है जो उसके भाग्य में नहीं! अनुष्ठान कर रहे बाल संत इन्द्रेश कौशिक जी महाराज बाल आलोकानंद व्यास जी महाराज योगेन्द्र शास्त्री जी अंकित मिश्र जी ने बताया कि पाठ संपन्न होने के बाद हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि हनुमत कृपा अवश्य होगी बताया कि प्रत्येक व्यक्ति का धर्म बनता है कि आप सभी अपने घर में बैठ कर ही यग्य आहुति करें तो यह महामारी भारत से नहीं बल्कि पूरे विश्व से समाप्त हो जाएगी जीवन सुख शांति और आनंदमय हो यही यज्ञ का उद्देश्य होता है प्राचीन भारतीय संस्कृति में और ऋषि मुनियों से लेकर बटुक ब्रम्हचारी सब यज्ञ किया करते थे प्रात कालीन और सायं यज्ञ करके अपने रोगो का निवारण किया करते थे महाराज जी ने बताया कि यज्ञ के माध्यम से शारीरिक और मानसिक लाभ उठाया जा सकता है और विभिन्न रोगों से छुटकारा भी पाया जा सकता है, विविध अध्ययन अनुसंधान और परिछण द्वारा यह निश्चित होता जा रहा है कि यज्ञोपैथी यह सभी चिकित्सा कि विशुद्ध वैज्ञानिक पद्धति है जो होम्योपैथी ऐलोपैथी आदि कि तरह सफल सिध्द हुई है, महाराज जी ने बताया कि बन औषधि से पलाश पीपल उदुम्बर आम आदि से नित्य यज्ञ करने से व्यक्ति कम समय में सभी बिमारियों से मुक्त हो सकता है और अधिक लाभ मिलता है!