शीतलहरी के कारण ठंड से परेशान है बच्चे
न शौचालय की व्यवस्था न पानी की
नानपारा/ बहराइच- जिले में एक ऐसा भी प्राथमिक विद्यालय हैं जहां बच्चे खुले आसमान के नीचे बांस के पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं आपको बता दें कि विकासखंड शिवपुर की ग्राम पंचायत बरूहा बितानिया का ग्राम मंगल पुरवा में संचालित प्राथमिक विद्यालय 3 वर्ष पूर्व क्षेत्र में आई बाढ़ के कारण नदी में समाहित हो गया था इसके बाद यहां के नागरिकों के प्रयास से एक जगह चैनित की गई जहां खुले आसमान के नीचे बांस के पेड़ के पास विद्यालय संचालित किया जाने लगा इस विद्यालय में इस समय 144 बच्चों को 3 अध्यापक एक शिक्षामित्र शिक्षा दे रहे हैं ग्राम प्रधान की ओर से मिड डे मील की भी व्यवस्था कराई जाती है l विद्यालय की अध्यापिका संजू ने बताया की सरयू नदी में 2018 में बाढ़ आई थी और इसी बाढ़ में प्राथमिक विद्यालय मंगल पुरवा का भवन भी नदी में समाहित हो गया एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि बारिश होने या मौसम खराब होने पर स्कूल चलाना मुश्किल हो जाता है खुले आसमान के नीचे विद्यालय चलने की सूचना उच्चाधिकारियों को है भवन की व्यवस्था अभी तक नहीं कराई गई है प्रयास जारी है ग्राम प्रधान सुरेश कुमार यादव ने बताया कि ग्राम पंचायत के मजरा मंगल पुरवा में दो हजार तीन चार में बाढ़ आई थी उसमें भी विद्यालय नदी में समाहित हो गया था दूसरे स्थानों पर 2006 – 2007 में गांव के दक्षिण दूसरे स्थान पर प्राथमिक विद्यालय का भवन बनाया गया जिसमें विद्यालय संचालित था 2018 में आई बाढ़ में फिर भवन नदी में समाहित हो गया एक बार फिर उसी स्थान पर या उसके आस पास मिट्टी की पटान करके विद्यालय बनवाए जाने की प्रक्रिया चल रही है,खण्ड शिक्षा अधिकारी बलदेव यादव ने बताया कि बाढ़ में कट गया था दोबारा बनाने की प्रक्रिया की जा रही है जल्द ही विद्यालय बन जाएगा l अब सवाल उठता है कि बार-बार नदी के आसपास ही क्यों विद्यालय बनवाया जाता है जहां पर कटान रौद्र रूप से हो जाता है शिक्षा विभाग को एक बार इस पर मंथन करना होगा l
रिपोर्ट- विवेक कुमार श्रीवास्तव